भारत की मिट्टी | Soil of india

भारत की मिट्टी   

भारतवर्ष जैसे विशाल देश में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं।  वैसे तो भारतीय मिट्टी का सर्वेक्षण (survey of Indian soils) कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने किया है, पर आज जो मैं आपको मिट्टी के वर्गीकरण (types of soils) के विषय में बताने जा रहा हूँ। 

 भारत की मिट्टी के प्रकार 

1. जलोढ़ मिट्टी 

♦️ 22 % क्षेत्रफल 

♦️ नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी का जमाव जलोढ़ कहलाता है । 

♦️ पोटाश की अधिकता तथा नाइट्रोजन , फॉस्फोरस व ह्यूमस की कमी होती है । 

♦️ इसमें धान , गेहूँ , मक्का , तिलहन , दलहन , आलू आदि की फसलें उगाई जाती हैं । 

♦️ पंजाब से असोम तक नर्मदा , तापी महानदी , गोदावरी कृष्णा तथा कावेरी की घाटियों एवं केरल के तटवर्ती भागों में पाई जाती है । 

2. काली मिट्टी 

♦️ इसका निर्माण बेसाल्ट चट्टानों से हुआ 

♦️ इसमें आयरन , चूना , एल्युमीनियम एवं मैग्नीशियम की बहुलता होती है । 

♦️ यह रेगुर मिट्टी कहलाती है । 

♦️ काला रंग टिटेनीफेरस मैग्नेटाइट के कारण होता है । 

♦️ कपास , गेहूँ , ज्वार , बाजरा आदि फसलें उगाई जाती हैं । 

♦️ महाराष्ट्र , पश्चिम मध्य प्रदेश , गुजरात , राजस्थान , आन्ध्र प्रदेश , कर्नाटक आदि राज्यों में पाई जाती है । 

3. लाल मिट्टी 

♦️ यह लौह ऑक्साइड के कारण लाल दिखाई देती है । 

♦️ इसमें नाइट्रोजन , फॉस्फोरस एवं ह्यूमस की कमी होती है । 

♦️ कपास , गेहूँ , दालें तथा मोटे अनाज की कृषि की जाती है । चूने का प्रयोग कर उर्वरता बढ़ाते हैं । 

♦️ यह तमिलनाडु ( सर्वाधिक विस्तार ) , कर्नाटक , आन्ध्र प्रदेश , छत्तीसगढ़ , झारखण्ड , ओडिशा , बंगाल तथा राजस्थान आदि राज्यों में पाई जाती है । *

 4. लैटेराइट मिट्टी 

♦️ इसमें आयरन तथा सिलिका की बहुलता होती है । 

♦️ इसमें चूना , नाइट्रोजन , पोटाश एवं ह्यूमस की कमी होती है । 

♦️ लैटेराइट मिट्टी चाय के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है । 

♦️ लैटेराइट मिट्टी पूर्वी घाट , राजमहल की पहाड़ियाँ , सतपुड़ा , विन्ध्य , असोम , मेघालय की पहाड़ियों में पाई जाती है । 

5. मरुस्थलीय मिट्टी 

♦️ यह बलुई मिट्टी होती है । 

♦️ लोहा तथा फॉस्फोरस की पर्याप्त मात्रा तथा नाइट्रोजन व ह्यूमस की कमी होती है । 

♦️ मोटे अनाज - ज्वार , बाजरा , रागी , तिलहन आदि पैदा किए * कच्छ , जाते हैं । 

♦️ मरुस्थलीय मिट्टी राजस्थान , हरियाणा , सौराष्ट्र आदि क्षेत्रों में पाई जाती है । 

6. पर्वतीय या वनीय मिट्टी 

♦️ बागानी कृषि के लिए उपयुक्त होती है । 

♦️ चाय , कहवा एवं मसाले की कृषि की जाती है । 

♦️ यह तमिलनाडु , कर्नाटक , मणिपुर के पर्वतीय भागों में पाई जाती है । 

7. लवणीय या क्षारीय मिट्टी 

♦️ इसे रेह , कल्लर या उसर भी कहते हैं । 

♦️ इसमें सोडियम , मैग्नीशियम व कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में तथा नाइट्रोजन व चूने की कमी होती है । 

8. पीट या जैविक मिट्टी 

इसमें जैविक पदार्थों की अधिकता होती है । 

♦️ सुन्दर वन डेल्टा व अन्य डेल्टाई क्षेत्रों में पाई जाती है ।


मुख्य कृषि / फसलें एवं उत्पादक राज्य 

कृषि / फसल         उत्पादक राज्य 

चावल -   पश्चिम बंग , पंजाब , उत्तर प्रदेश , आन्ध्र प्रदेश 

गेहूँ -   उत्तर प्रदेश , पंजाब , हरियाणा 

मक्का -   मध्य प्रदेश , आन्ध्र प्रदेश , कर्नाटक 

गन्ना -   उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र , कर्नाटक 

कपास -   गुजरात , महाराष्ट्र , आन्ध्र प्रदेश 

जूट -   पश्चिम बंग , बिहार , असोम 

कॉफी -   कर्नाटक , केरल , तमिलनाडु 

रबड़ -   केरल , तमिलनाडु , कर्नाटक 

रेशम -   कर्नाटक , पश्चिम बंग , असोम 

तम्बाकू -   गुजरात , आन्ध्र प्रदेश , कर्नाटक 

आलू -   उत्तर प्रदेश , बिहार , ओडिशा , असोम  

चाय -   असोम , पश्चिम बंग , हिमाचल प्रदेश

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